हिंदी मेरी और उर्दू आपकी है,
खीर मेरी और बिरयानी आपकी है, भजन मेरा और कवाली आपकी है, पर कवाली को आवाज़ देते वो बोल मेरे है, भजन को संगीत देती ज़हनसीबी आपकी है, बिरयानी का चावल मेरा तो खीर की खुशबू आपकी है, उर्दू का सार जो ढूँढू तो देवनागरी की लिखावट तुम्हारी है, बरसो से एक होने की छटपटाहट भी हमारी है, भारत पाकिस्तान में बटने की शायद गलती भी हमारी है, मगर आपस में शोले भड़काना तो उस नेता की आदत पुरानी है, आग लगा कर भाग जाना उसकी शायद जात पुरानी है|
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शायद हमें कभी इश्क़ नहीं हुआ
लेकिन यकीन सबको दिलाता चला हु मै इंसान शायद पसंद नहीं तुम्हे फिर भी अपनी पंक्तियों से सबको लुभाता चला हु मै मेरा सूरज कही खो गया है|
हर दिन रोज़ सुबह खुद पहले उठ मुझे उठाता था, जो मेरा सोता चेहरा देख मंद मंद मुस्काता था, हलकी सी आँख खुलते ही मुझे चूम लिया करता था, वो मुझसे शायद जुदा हो चुका है, या शायद मेरा सूरज कही खो गया है| एक फ्लाईओवर गिरता है तब भी तो इंसान ही मरता है
सीमा की सुरक्षा भी तो वही इंसान करता है फिर दोनों में आज फर्क क्यों हो जाता है? नेताओ की सुरक्षा में लगे जवान का जब खून होता है तो क्या उस नेता को उसकी मौत का दर्द भी होता है? |